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जानें क्या है थिएटर कमांड? जिसके बनते ही भारतीय सेनाएं बन जाएंगी 'बाहुबली'

जनरल बिपिन रावत ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनते ही कहा कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स (Theater Commands) बनाए जाएंगे ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन की हालत खस्ता करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके. थिएटर कमांड देश के लिए क्यों जरूरी है? क्या है थिएटर कमांड? कहां-कहां बनाया जा सकता है थिएटर कमांड?
देश में हैं 17 कमांड, इन्हें मिलाकर बन सकते हैं 6 थिएटर कमांडयुद्ध के दौरान थिएटर कमांड से रणनीति बनाने में होती है आसानीसंसाधनों का सही उपयोग होता है, लागत और खर्च में बचत होती है
जनरल बिपिन रावत ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनते ही कहा कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स (Theater Commands) बनाए जाएंगे ताकि युद्ध के दौरान दुश्मन की हालत खस्ता करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके. थिएटर कमांड देश के लिए क्यों जरूरी है? क्या है थिएटर कमांड? कहां-कहां बनाया जा सकता है थिएटर कमांड? इससे कितनी आसानी होगी?

थिएटर कमांड से दुश्मन पर होगा अचूक वार

थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है. युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए ये कमांड बेहद उपयोगी होता है. यहां से बनी रणनीतियों के अनुसार दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता है. यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एकसाथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है.
देश की भौगोलिक और रणनीतिक क्षेत्र को देखते हुए देश की तीनों सेनाओं और अन्य सैन्य बलों को एकसाथ लाया जाता है. इस कमांड का एक ही ऑपरेशनल कमांडर होता है. भौगोलिक क्षेत्रों का चयन इसलिए किया जाता है ताकि समान भूगोल वाले युद्ध क्षेत्र को आसानी से हैंडल किया जा सके. जैसे- हिमालय के पहाड़, राजस्थान के रेगिस्तान, गुजरात का कच्छ आदि.

थिएटर कमांड से खर्च बचेगा, बचत होगी

थिएटर कमांड से यह सुनिश्चित हो जाता है कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बना हुआ है और ये एकसाथ काम करने को तैयार हैं. इस तरह का कमांड बनाने से खर्च कम होता है और बचत होती है. साथ ही संसाधनों का उपयुक्त इस्तेमाल होता है.

जरूरत क्यों है थिएटर कमांड्स की?

अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है. इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है. एकसाथ कमांड लाने पर सैन्य बलों के आधुनिकीकरण का खर्च कम हो जाएगा. किसी भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग सिर्फ एक ही सेना नहीं करेगी बल्कि उस कमांड के अंदर आने वाले सभी सैन्य बलों को उसका लाभ मिलेगा.

17 सिंगल कमांड को 6 थिएटर कमांड में लाने का सुझाव

देश में अभी 17 सिंगल कमांड्स हैं. रक्षा सूत्रों की माने तो इन सिंगल कमांड्स को मिलाकर कम से कम चार या छह थिएटर कमांड्स बनाए जा सकते हैं. ये कमांड्स होंगे...

पश्चिमी थिएटर कमांडः इसके तहत पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कच्छ तक का इलाका आएगा. अभी इस क्षेत्र की रखवाली पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिणी कमांड कर रही है.
उत्तरी थिएटर कमांडः यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पहाड़ी इलाका. इस कमांड से पाकिस्तान और चीन पर नजर रखी जाएगी. अभी यह उत्तरी कमांड के तहत आता है.
पूर्वी थिएटर कमांडः देश के उत्तर-पूर्व से सटे चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी के लिए बनाया जाने वाला थिएटर कमांड. अभी इन इलाकों को सेना और वायुसेना की पूर्वी कमांड देख रही है.
दक्षिणी थिएटर कमांडः देश के तीनों तटों की सुरक्षा के लिए बनाया जाने वाला एकीकृत कमांड. यानी पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी तटों की रक्षा करने वाला कमांड. अभी यहा नौसेना और वायुसेना के कमांड में आता है. अंडमान का थिएटर कमांड भी इसी के तहत आएगा.
एयरोस्पेस थिएटर कमांडः यह थिएटर कमांड देश के आसमान की रक्षा करेगा. यानी यहीं से मिसाइल डिफेंस जैसे काम होंगे. साथ ही अंतरिक्ष से होने वाले हमलों को भी रोका जाएगा.
लॉजिस्टिक्स थिएटर कमांडः यह कमांड देश के सभी थिएटर कमांड्स के बीच साजो-सामान पहुंचाने का काम करेगा. इसके अलावा विदेशों के थिएटर कमांड्स के साथ तालमेल बिठाने का भी काम करेगा.
अमेरिका के पास 11, चीन के पास 5 थिएटर कमांड्स